बुखार में बच्चों का खानपान: क्या खिलाएँ और क्या न दें

बुखार में बच्चों का खानपान: क्या खिलाएँ और क्या न दें

विषय सूची

1. बुखार में बच्चों के आहार की महत्वता

बुखार के दौरान सही पोषण क्यों है ज़रूरी?

जब बच्चे को बुखार होता है, तब उनका शरीर संक्रमण से लड़ने में व्यस्त रहता है। ऐसे समय में अगर उनका खानपान संतुलित और पौष्टिक न हो, तो उनकी रिकवरी धीमी हो सकती है। पोषण की कमी से शरीर की इम्यूनिटी कमज़ोर हो जाती है और बच्चा जल्दी थक जाता है।

बच्चे के शरीर पर पोषण का असर

पोषण बच्चे के स्वास्थ्य पर असर
प्रोटीन ऊतकों की मरम्मत और इम्यून सिस्टम को मज़बूती
विटामिन्स और मिनरल्स शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद
पर्याप्त पानी डिहाइड्रेशन से बचाव और तापमान नियंत्रित करना
एनर्जी देने वाले फूड्स (जैसे कार्बोहाइड्रेट) शरीर को ऊर्जा मिलती है जिससे बच्चा थका हुआ महसूस नहीं करता

भारतीय परिवारों के लिए सुझाव:

  • हल्की और सुपाच्य चीजें जैसे दाल का पानी, मूंग दाल खिचड़ी, नारियल पानी आदि दें।
  • बहुत गरम या मसालेदार भोजन से बचें ताकि बच्चे का पाचन आसान रहे।
  • बार-बार थोड़ा-थोड़ा खिलाएँ ताकि बच्चा कमजोरी महसूस न करे।
  • अगर बच्चा कुछ खाने से मना करे, तो जबरदस्ती न करें लेकिन पानी या लिक्विड्स जरूर देते रहें।
निष्कर्ष:

बुखार के दौरान बच्चों के खानपान पर ध्यान देना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उनका शरीर तेज़ी से रिकवर कर सकता है और बीमारी का असर कम होता है। सही आहार बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मदद करता है।

2. बुखार में बच्चों को क्या खिलाएँ

जब बच्चों को बुखार होता है, तो उनकी भूख कम हो जाती है और वे अक्सर कुछ भी खाने से मना कर देते हैं। ऐसे समय में भारतीय घरों में आसानी से उपलब्ध हल्के और पौष्टिक खाद्य पदार्थ उन्हें ऊर्जा देने के साथ-साथ जल्दी ठीक होने में मदद करते हैं। नीचे कुछ ऐसे खाने की चीज़ें दी गई हैं जिन्हें आप अपने बच्चे को बुखार के दौरान दे सकते हैं:

भारतीय घरों में मिलने वाले पौष्टिक एवं हल्के आहार

खाद्य पदार्थ फायदे कैसे दें
दाल का पानी प्रोटीन और ऊर्जा देता है, आसानी से पच जाता है गुनगुना करके छोटे-छोटे घूंट में पिलाएँ
खिचड़ी हल्की, सुपाच्य और पौष्टिक; पेट पर ज़्यादा भार नहीं डालती थोड़ा घी डालकर नरम बनाकर खिलाएँ
दही प्रोबायोटिक्स से भरपूर, पेट को ठंडक देता है, इम्युनिटी बढ़ाता है ताज़ा दही एक छोटी कटोरी में दें (ठंडी न हो)
नारियल पानी इलेक्ट्रोलाइट्स देता है, शरीर को हाइड्रेट रखता है सीधा ताज़ा नारियल पानी पिलाएँ (फ्रिज का न हो)
हल्दी दूध एंटीबैक्टीरियल गुण, गले की खराश व थकान में आराम देता है गुनगुने दूध में थोड़ा सा हल्दी मिलाकर दें (शहद 1 साल से बड़े बच्चों को ही दें)

ध्यान देने योग्य बातें:

  • भोजन हल्का, सुपाच्य और ताज़ा होना चाहिए।
  • तेल-मसालेदार या भारी भोजन से बचें।
  • बच्चे को बार-बार थोड़ा-थोड़ा खिलाएँ, जब वह खाने के लिए तैयार हो।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी या तरल पदार्थ जरूर दें ताकि डिहाइड्रेशन न हो।
  • अगर बच्चा कोई खाना नहीं खाना चाहता तो उस पर जोर न डालें, धीरे-धीरे उसकी पसंद की चीज़ें ट्राय करें।

बुखार में बच्चों को क्या नहीं देना चाहिए

3. बुखार में बच्चों को क्या नहीं देना चाहिए

बुखार के दौरान बच्चों का खानपान बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस समय कुछ चीज़ें ऐसी हैं जिन्हें बच्चों को बिल्कुल भी नहीं देना चाहिए, क्योंकि ये उनकी सेहत को नुकसान पहुँचा सकती हैं या बुखार की स्थिति को और बिगाड़ सकती हैं। नीचे दी गई तालिका में आप देख सकते हैं कि किन चीज़ों से बचना चाहिए:

खाना/पेय क्यों न दें?
तली-भुनी चीज़ें (जैसे समोसा, पकौड़ी, फ्रेंच फ्राई) इनमें तेल और वसा अधिक होती है, जिससे पाचन में दिक्कत हो सकती है और पेट पर बोझ बढ़ सकता है।
मसालेदार खाना (जैसे तीखी सब्ज़ी, चटनी) मसालेदार भोजन गले में जलन पैदा कर सकता है और पेट की परेशानी बढ़ा सकता है।
कोल्ड ड्रिंक्स (ठंडे पेय, सोडा) ठंडा पेय गले के संक्रमण को बढ़ा सकता है और इम्यून सिस्टम कमजोर कर सकता है।
जंक फूड (पिज़्ज़ा, बर्गर, चिप्स) इनमें पोषक तत्व कम होते हैं और ये शरीर को ठीक होने में मदद नहीं करते।
बहुत मीठी चीज़ें (चॉकलेट, मिठाई) चीनी की मात्रा ज़्यादा होने से शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है।

बुखार में इन बातों का रखें ध्यान

  • बच्चों को हल्का, सुपाच्य और घर का बना खाना ही दें।
  • तेल-मसाले वाली चीज़ें पूरी तरह से अवॉइड करें।
  • शरीर में पानी की कमी न हो, इसके लिए गर्म पानी या सादा पानी पिलाते रहें।

भारतीय घरों में आम गलतियाँ

अक्सर देखा जाता है कि बुखार के दौरान बच्चों को स्वाद बदलने के लिए तली-भुनी या जंक फूड दे दिया जाता है, लेकिन इससे उनकी तबीयत बिगड़ सकती है। कोशिश करें कि बच्चे को सादा दाल-चावल, खिचड़ी या सब्ज़ी रोटी ही दें ताकि उनका पाचन तंत्र सही रहे और वे जल्दी स्वस्थ हों।

4. हाइड्रेशन और तरल पदार्थों का महत्त्व

बुखार में बच्चों के लिए हाइड्रेशन क्यों जरूरी है?

जब बच्चों को बुखार होता है, तो उनके शरीर का तापमान बढ़ जाता है और पसीना भी ज्यादा आता है। इससे शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) हो सकती है। ऐसे में बच्चों को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ देना बहुत जरूरी है ताकि उनका शरीर हाइड्रेटेड रहे और वे जल्दी स्वस्थ हो सकें।

कौन-कौन से तरल पदार्थ बच्चों को दे सकते हैं?

तरल पदार्थ फायदे
नींबू पानी विटामिन C से भरपूर, स्वादिष्ट और शरीर को ताजगी देता है
छाछ (मट्ठा) पाचन के लिए अच्छा, इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति करता है
नारियल पानी प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट्स, डिहाइड्रेशन दूर करता है
सूप (सब्ज़ियों का या दाल का) पोषक तत्वों से भरपूर, शरीर को ऊर्जा देता है
गुनगुना पानी पीने में आसान, गले के लिए आरामदायक

हाइड्रेशन पर ध्यान कैसे दें?

  • बच्चे को बार-बार थोड़ा-थोड़ा पानी या अन्य तरल देते रहें।
  • अगर बच्चा दूध पीता है तो माँ का दूध या फार्मूला दूध भी देते रहें।
  • बहुत ठंडे या बहुत मीठे पेय देने से बचें।

ध्यान रखने योग्य बातें

  • अगर बच्चा बहुत कमज़ोर लग रहा है या पेशाब कम कर रहा है, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
  • कोशिश करें कि बच्चे को हर 1-2 घंटे में कुछ न कुछ तरल जरूर दें।
भारतीय संस्कृति के अनुसार सुझाव

हमारे घरों में अक्सर हल्का नींबू पानी, छाछ या सादा दाल का पानी बच्चों को दिया जाता है। ये न सिर्फ आसानी से पचते हैं बल्कि शरीर को पोषण भी देते हैं और हाइड्रेशन बनाए रखते हैं। बुखार के दौरान इन घरेलू उपायों को अपनाना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।

5. घर में देखभाल: दादी-नानी के नुस्खे

बुखार के दौरान बच्चों की देखभाल में भारतीय घरों में कई पारंपरिक उपाय अपनाए जाते हैं। ये नुस्खे पीढ़ियों से आज़माए गए हैं और कई बार डॉक्टर की सलाह के साथ इन्हें अपनाया जा सकता है। यहाँ कुछ लोकप्रिय घरेलू उपाय दिए जा रहे हैं:

तुलसी वाला काढ़ा

तुलसी को भारतीय संस्कृति में औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। बुखार में तुलसी की पत्तियों का काढ़ा बच्चों को देने से इम्यूनिटी बढ़ती है और बुखार में आराम मिलता है।

काढ़ा बनाने का तरीका

सामग्री मात्रा कैसे तैयार करें
तुलसी की पत्तियाँ 5-6 पत्तियाँ पानी में उबालें, छानकर गुनगुना दें
शहद (1 साल से बड़े बच्चों के लिए) 1 चम्मच ऊपर से मिला सकते हैं स्वाद के लिए
अदरक छोटी सी टुकड़ी काढ़े में उबाल सकते हैं

अदरक-शहद का सेवन

अदरक और शहद दोनों ही बुखार में राहत देते हैं। अदरक संक्रमण को दूर करता है, वहीं शहद गले को आराम देता है। एक चम्मच अदरक का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में 1-2 बार बच्चे को दिया जा सकता है (1 साल से बड़े बच्चों के लिए)।

आयुर्वेदिक सुझाव

  • हल्दी वाला दूध: हल्दी एंटी-बैक्टीरियल होती है, हल्का गर्म दूध और थोड़ा सा हल्दी पाउडर मिलाकर बच्चों को दिया जा सकता है।
  • नींबू-पानी: विटामिन C युक्त नींबू पानी इम्यूनिटी बढ़ाता है और शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता।
  • इलायची-काढ़ा: छोटी इलायची पानी में उबालकर पिलाने से भी गले की खराश कम होती है।

ध्यान रखने योग्य बातें

  • घरेलू नुस्खे अपनाते समय डॉक्टर की सलाह अवश्य लें, खासकर छोटे बच्चों के लिए।
  • एक साल से छोटे बच्चों को शहद न दें।
  • बच्चे को पर्याप्त मात्रा में पानी और तरल पदार्थ देते रहें।
  • यदि बुखार 2-3 दिन से ज्यादा रहे या बच्चा सुस्त दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

इन घरेलू उपायों को संतुलित खानपान के साथ अपनाने पर बच्चों की सेहत जल्दी सुधर सकती है और वे जल्दी स्वस्थ हो सकते हैं।