6 से 12 माह की उम्र में शारीरिक विकास की प्रमुख उपलब्धियाँ

6 से 12 माह की उम्र में शारीरिक विकास की प्रमुख उपलब्धियाँ

मोटर कौशल विकास6 से 12 माह की उम्र में शिशु के शारीरिक विकास में मोटर कौशल का बहुत महत्व होता है। इस अवधि में बच्चे कई नई शारीरिक क्षमताएँ सीखते…
6-12 माह के बच्चों में संज्ञानात्मक विकास: खेल और अन्वेषण की भूमिका

6-12 माह के बच्चों में संज्ञानात्मक विकास: खेल और अन्वेषण की भूमिका

1. संज्ञानात्मक विकास का परिचय6-12 माह के शिशुओं में संज्ञानात्मक विकास उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण चरण होता है। इस उम्र में बच्चे तेजी से नई चीजें सीखते हैं, सोचने-समझने…
0-6 माह के बच्चे में इम्यूनिटी और बीमारियों से बचाव के उपाय

0-6 माह के बच्चे में इम्यूनिटी और बीमारियों से बचाव के उपाय

1. स्तनपान का महत्वशिशु के लिए माँ का दूध जीवन के पहले छह महीनों में सबसे उत्तम आहार है। भारत में पारंपरिक रूप से भी यह माना जाता है कि…
शिशु के मस्तिष्क और संज्ञानात्मक विकास: 0-6 माह में सोचने-समझने की क्षमता

शिशु के मस्तिष्क और संज्ञानात्मक विकास: 0-6 माह में सोचने-समझने की क्षमता

1. शिशु के मस्तिष्क का प्रारंभिक विकासनवजात शिशु के जन्म के बाद, उसका दिमाग बहुत तेजी से विकसित होता है। जीवन के पहले 6 महीनों में शिशु का मस्तिष्क आकार…
0-6 माह के शिशु के शारीरिक विकास की विशेषताएं: मोटर स्किल्स, वजन और लंबाई

0-6 माह के शिशु के शारीरिक विकास की विशेषताएं: मोटर स्किल्स, वजन और लंबाई

1. शिशु के मोटर स्किल्स का प्रारंभिक विकास0-6 माह की उम्र के शिशु में मोटर स्किल्स का विकास धीरे-धीरे होता है। भारतीय माताएँ आमतौर पर अपने बच्चों में सिर पकड़ने,…
बच्चों की देखभाल और पेशेवर जीवन के बीच संतुलन: अनुभव साझा करें

बच्चों की देखभाल और पेशेवर जीवन के बीच संतुलन: अनुभव साझा करें

भारतीय पारिवारिक संरचना और बच्चों की देखभालभारत में पारिवारिक ढांचा खास तौर पर संयुक्त परिवार के रूप में जाना जाता है। यहाँ दादा-दादी, चाचा-चाची, माता-पिता और बच्चे एक साथ रहते…
भारतीय समाज में कामकाजी माताओं की चुनौतियाँ और समाधान

भारतीय समाज में कामकाजी माताओं की चुनौतियाँ और समाधान

1. भारतीय समाज में कामकाजी माताओं की पारिवारिक जिम्मेदारियाँभारत में कामकाजी माताओं के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि वे पारंपरिक पारिवारिक जिम्मेदारियों और अपनी नौकरी के बीच…
कामकाजी माँ के लिए समय प्रबंधन के प्रभावी तरीके: भारतीय परिप्रेक्ष्य

कामकाजी माँ के लिए समय प्रबंधन के प्रभावी तरीके: भारतीय परिप्रेक्ष्य

1. भारतीय कामकाजी माँओं की भूमिका और चुनौतियाँभारतीय समाज में माँ की जिम्मेदारियाँ हमेशा से दोहरी रही हैं। एक ओर उन्हें घर का ध्यान रखना होता है, वहीं दूसरी ओर…
प्रसव के बाद शारीरिक पुनर्प्राप्ति और आत्म-देखभाल की रणनीतियाँ

प्रसव के बाद शारीरिक पुनर्प्राप्ति और आत्म-देखभाल की रणनीतियाँ

1. शारीरिक पुनर्प्राप्ति के लिए आवश्यक देखभालप्रसव के बाद महिला के शरीर में कई परिवर्तन होते हैं, जैसे थकावट, रक्तस्राव (लोचिया), और योनि या सिजेरियन घाव की देखभाल की आवश्यकता…
भारतीय परिवारों में नई माँ की भूमिका और समाज की अपेक्षाएँ

भारतीय परिवारों में नई माँ की भूमिका और समाज की अपेक्षाएँ

परिवार में नई माँ का पारंपरिक स्थानभारतीय समाज में मातृत्व को हमेशा से बहुत आदर और सम्मान की दृष्टि से देखा गया है। खासकर जब कोई महिला पहली बार माँ…