शिशुओं के झूले, पालने और खिलौनों में नज़र दोष से बचाने के प्रतीकों का प्रयोग

शिशुओं के झूले, पालने और खिलौनों में नज़र दोष से बचाने के प्रतीकों का प्रयोग

भारतीय संस्कृति में नज़र दोष का महत्वभारत में नज़र दोष, जिसे आमतौर पर "ईविल आई" कहा जाता है, एक गहरी सांस्कृतिक अवधारणा है। यह विश्वास किया जाता है कि किसी…
नामकरण संस्कार में महिलाएं: माँ और दादी की भूमिका

नामकरण संस्कार में महिलाएं: माँ और दादी की भूमिका

1. परिचयभारतीय संस्कृति में नामकरण संस्कार का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि परिवार की परंपराओं और सामाजिक मूल्यों को संजोने वाला अवसर भी…
नज़र दोष के हानिकारक प्रभावों से बचाने वाले खास घरेलू उपाय (Case Studies के साथ)

नज़र दोष के हानिकारक प्रभावों से बचाने वाले खास घरेलू उपाय (Case Studies के साथ)

1. नज़र दोष क्या है: भारतीय सांस्कृतिक दृष्टिकोणनज़र दोष या "ईविल आई" भारतीय समाज में एक प्राचीन और गहराई से रची-बसी मान्यता है। यह विश्वास किया जाता है कि किसी…
पहला रक्षाबंधन: भाइयों-बहनों के रिश्ते की मजबूत शुरुआत

पहला रक्षाबंधन: भाइयों-बहनों के रिश्ते की मजबूत शुरुआत

रक्षाबंधन का सांस्कृतिक महत्वरक्षाबंधन भारत में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भाइयों और बहनों के अनूठे संबंध को सम्मानित करता है। यह पर्व न केवल पारंपरिक संस्कारों से भरा हुआ…
विभिन्न जातियों और समुदायों में झूला डालने के अनूठे तरीके

विभिन्न जातियों और समुदायों में झूला डालने के अनूठे तरीके

झूला डालने की सांस्कृतिक विविधता का परिचयभारत एक ऐसा देश है जहाँ परंपराएँ और सांस्कृतिक विविधताएँ हर कदम पर देखने को मिलती हैं। यहाँ विभिन्न जातियों और समुदायों में झूला…
आधुनिक जीवनशैली में पारंपरिक झूले और पालने की प्रासंगिकता

आधुनिक जीवनशैली में पारंपरिक झूले और पालने की प्रासंगिकता

1. आधुनिक जीवनशैली और पारंपरिक झूले/पालने का परिचयआज के तेज़-तर्रार और तकनीक-संचालित युग में हमारी जीवनशैली में असाधारण परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। परिवारों की संरचना, बच्चों की देखभाल…
झूला और पालना रस्म के दौरान गाई जाने वाली पारंपरिक lullabies और गीत

झूला और पालना रस्म के दौरान गाई जाने वाली पारंपरिक lullabies और गीत

झूला और पालना रस्म का सांस्कृतिक महत्वभारतीय समाज में झूला और पालना रस्म की गहरी जड़ेंपारिवारिक एकता और परंपरा की प्रतीकसमाज में सामाजिक संबंधों को मजबूत करने वाली रस्मेंभारत में…
प्रसव के बाद माँ की मालिश: मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के परिप्रेक्ष्य में

प्रसव के बाद माँ की मालिश: मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के परिप्रेक्ष्य में

प्रसव के बाद माँ की मालिश का सांस्कृतिक महत्वभारतीय समाज में प्रसव के बाद मालिश की परंपरा गहरे सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों से जुड़ी हुई है। यह केवल एक शारीरिक…
नवजात और शिशुओं के लिए घरेलू रूप से तैयार नहाने की सामग्रियाँ: व्यंजन, विधि और मान्यता

नवजात और शिशुओं के लिए घरेलू रूप से तैयार नहाने की सामग्रियाँ: व्यंजन, विधि और मान्यता

1. परिचय: नवजात और शिशुओं के लिए घर पर स्नान की परंपराभारतीय संस्कृति में नवजात शिशुओं का घर पर स्नान कराना एक प्राचीन और महत्वपूर्ण परंपरा मानी जाती है। यह…